Saturday, January 22, 2011

jaga do ....

jag doo खाव्ब aanhko के, कही उम्मीद soo जाये न.........
मिटा दो दुश्मनी दिल से , कही दोस्ती खो जाये न......
अभी बाकि बहुत कुछ है आरमान दिल के कर गुजरने को,
उठा दो नीद से मुझको सूरज kahi dhaal जाये न.